Category: Ahankar hindi shayari
Ahankar hindi shayari
अहंकार खुद पे कभी मत करना
अगर रावण को भी अहंकार नहीं होता…
तो शायद उसका यह हाल नहीं होता
अंहकार ने सबको ख़त्म कर दिया
जो खुद को खुदा समझता था
उसका भी गुरुर खत्म कर दिया…..
अपने होने का कभी गुमान मत करना
माटी के पुतले हो इतना याद रखना….
मिट्टी मे ही मिल जाना है एक दिन
इसलिए सभी से प्रेम भाव रखना
अहंकार तुझको है पता नहीं किस बात का
तू भी कुछ ही ये बात जान ले….
फिर क्यों अहंकार दिखा रहा है बिन बात का….
अहंकार तेरा था तेरे को जीत जाने का
जिद मेरी थी ना हार मानने की….
मुझमें तलब थी अपने सपनो के लिए
तुझमे घमंड था अपने पेसो के लिए…..
पेसो का घमंड मत करना
क्योंकि सोने की लंका आज कहा है किसी को नहीं पता……
खुश गरीब भी है और ख़ुश अमीर भी है
अगर अहंकार मे आ गया कोई….
तो बदकिस्मत पैसे वाला भी
और फ़क़ीर भी है….
अपने गोरे या सुन्दर होने जरूर करते हो
फिर भी लोगो से इतना क्यों जलते हो….
माना तुममें लाख अच्छाई है
अहंकार की चिंगारी तुमपर भी आई है…..
अहंकार हिंदी शायरी
उन लोगो से दूर ही रहना चाहिए
जो ये सोचते है अगर वो है तो सब है…..
शायद भूल गए है वो लोग
अहंकार मिट्टी के पुतले को मिट्टी मे ही मिला देता है..
उनको गुमान था अपने हुस्न पर
पर हम तो यह जान चुके थे….
हुस्न वालो मे अहंकार बहोत होता है
होते कुछ भी नहीं है यह लोग
फिर भी ना जाने किसी बात का घमंड होता है…..
ज़िन्दगी मे अहंकार को मत पालो
अगर पाल लिया है तो इसको जल्दी से निकालो…..
तुम सब कुछ हो यह भ्र्म मत पालो…
शिष्य की तरह सीखो हर चीज
ऐसा व्हवहार खुद के अंदर डालो…..
नियम ज़िन्दगी के सीधे रखो
अच्छे से अच्छा व्यहवार
और बुरे से बुरा व्यवहार रखो…..
घमंड मत करना यारो ज़िन्दगी मे कभी
अपने दिल मे हर किसी के लिए
दया, भावना, और प्रेम रखो………..